• English
  • Hindi

2019-06-22 11:19:47


धातुओं के प्रकार (Type of metals) और महत्वपूर्ण जानकारी 2019-06-22 11:19:47

धातु (Metals)

धातुओं के प्रकार (Type of metals)  - धातु दो प्रकार के होते हैं

1. लौह धातु (Ferrous Metal) - वह सभी धातु जिनमें मुख्य मूल-धातु लोहा रहती है तथा कार्बन की मात्रा भिन्न-भिन्न होती है, लौह धातु कहलाती है। जैसे : आयरन, स्टील आदि।

2. अलौह धातु (Non - Ferrous Metal) - वह सभी धातु जिनमें लोहे के कण नहीं पाये जाते हैं, अलौह धातु कहलाती हैं। जैसे : ताँबा, टिन, एल्यूमीनिम आदि।



धातु के गुण (Properties of Metal)

1. भौतिक गुण (Physical Properties) - धातु का वह गुण जिनसे उसके रंग, भार, बनावट, चमक आदि का ज्ञान होता है, भौतिक गुण कहलाता है।


2. यांत्रिक गुण (Mechanical Properties) - धातु का वह गुण जिनसे उसकी कठोरता, भंगुरता, तन्यता, चीमड़ापन, धातुवर्थ्यता आदि का ज्ञान होता है, यांत्रिक गुण कहलाते हैं।


3. रासायनिक गुण (Chemical properties) - धातु का वह गुण जिसके द्वारा वह किसी दूसरे मूल-पदार्थ से क्रिया-प्रक्रिया करता है, रासायनिक गुण कहलाता है।


यांत्रिक गुण (Mechanical Properties) की परिभाषा


1. आघातवर्धनीयता (Malleability) - धातु का वह गुण जिसके कारण उसे पीट कर या रोलिंग द्वारा बिना टूटे पतली चादरों में परिवर्तित किया जा सकता है आघातवर्धनीयता कहलाता है। जैसे : सोना और चाँदी में यह गुण अधिक पाये जाते हैं।


2. चीमड़ापन (Toughness) - धातु का वह गुण जिसके कारण मोड़ने व मरोड़ने (Bending & Twisting) पर वह टूटता नहीं, चीमड़ापन कहलाती है। जैसे : ड्रिल


3. लचीलापन (Elasticity) - धातु का वह गुण जिसके कारण भार डालने या खींचने पर उनके आकार में परिवर्तन होता है और हटाने पर अपनी पुनः अवस्था में आ जाता | है, लचीलापन कहलाती है।


4. भंगुरता (Brittleness) - धातु का वह गुण जिसके कारण उसके टुकड़े-टुकड़े या पाउडर के रूप में परिवर्तित किया जा सकता है, भंगुरता कहलाती है। जैसे :  कास्ट आयरन


5. कठोरता (Hardness) - धातु का वह गुण जिसके कारण वह सरलता से नहीं घिसता व कटने का विरोध करता है, कठोरता कहलाती है। जैसे : स्टील, काँच आदि। मरकरी केवल ऐसा पदार्थ है जो कठोर नहीं है।


6. तन्यता (Ductility) - धातु का वह गुण जिसके कारण उसे खींचकर बिना टूटे पतली तारें खींची जा सकती है, तन्यता कहलाती है। जैसे सोना, चाँदी, एल्यूमीनियम आदि।


7. तनन समायं (Tensile Strength) - धातु का वह गुण जिसके कारण वह दो एक समान विपरीत दिशा में अक्षीय रूप से लगाये बल से उत्पन्न प्रतिबल, तनन सामर्थ्य या तनन शक्ति कहलाती है।


8. लगिष्णुता (Tenacity) - धातु का वह गुण जिसके कारण बल लगाने पर बिना ईट खिचाव को सहन कर सके, लगिष्णुता कहलाती है।



धातुओं तथा अधातुओं के उपयोग 

टंगस्टन         -         विद्युत बल्ब का फिलामेंट बनाने में

कोबाल्ट        -         कैंसर के इलाज में

जिंक             -         बैटरी बनाने में, हाइड्रोजन बनाने में, लोहे के जस्तीकरण में

एल्युमिनियम -         बर्तन, तार, एल्युमिनियम पाउडर, पेंट, मिश्र धातु आदि के निर्माण में

तांबा            -         बिजली के तार बनाने में, मिश्रधातु के निर्माण में

जर्मनियम     -         ट्रांजिस्टर बनाने में

सीसा            -         फ्यूज बनाने में, मिश्रधातुओं के निर्माण में, टेट्राइथल लेड नामक अपस्फोटनरोधी यौगिक के निर्माण में आदि

लोहा            -         मिश्र धातुओं के निर्माण में मशीनों के निर्माण में, कलपुर्जों के निर्माण में

फास्फोरस     -         लाल फास्फोरस का उपयोग दियासलाई बनाने में, श्वेत फास्फोरस का उपयोग चूहा विष बनाने में, फास्फोरस ब्रांज मिश्र धातु बनाने में आदि

हाइड्रोजन     -         अमोनिया के उत्पादन में, रॉकेट ईंधन के रूप में कार्बनिक यौगिक के निर्माण में आदि

आर्गन           -         विद्युत बल्बों के निर्माण में

पारा             -         अमलगम बनाने में, थर्मामीटर में, सिंदूर बनाने में, बैटरी बनाने में, हाइड्रोजन बनाने में, लोहे के जस्तीकरण में

कैडमियम      -         नाभिकीय रिएक्टरों में मंदक के रूप में

एंटीमनी        -         दियासलाई बनाने में

सोना            -         आभूषण निर्माण में

चांदी            -         आभूषण बनाने में, लुनर कास्टिक बनाने में, चांदी के लवण का उपयोग, फोटोग्राफी में आदि


नॉन-फेरस मैटल - वे धातुएं जिनमें कण पाये जाते उन्हें नॉन-फेरस मैटल कहते हैं । ये प्रायः साफ्ट, मैलिएबल और डक्टाइल होती है जैसे तांबा, जिंक, एल्युमीनियम, टिन, लैड आदि ।

बाकी नीचे दिए गए हैं इन्हें इन्हें ध्यानपूर्वक पढ़ें


कॉपर (Copper) - कॉपर प्रायः कॉपर पाइराइट नामक अयस्क से बनाया जाता है

एल्युमीनियम (Aluminum) - एल्युमीनियम प्राय: बाक्साइट नामक अयस्क से बनाया जाता है 

लैड (Lead) - लैड प्रायः गैलेना नामक अयस्क से बनाया जाता है ।

टिन (Tin) - टीन प्राय: टिन स्टोन नामक अयस्क से बनाया जाता है ।

जिंक (Zinc) - यह प्रायः जिंक सल्फाइड और जिंक कार्बोनेट नामक अयस्कों से बनाया जाता है ।

ब्रास (Brass) - कॉपर और जिंक मिलाकर जो एलॉय बनाया जाता है उसे बास कहते हैं ।

मूंज मेटल (Muntz Metal) - यह 60% कॉपर और 40% जिंक का एलॉय है जिसमें कभी-कभी लैड भी मिलाया जाता है । 

ब्रांज (Bronze) - यह कॉपर और टिन का एलॉय होता है । प्रायः 75% से 95% कॉपर और 5% से 25% तक टिन मिलाकर ये एलॉय बनाए जाते हैं । 

मैंगनीज ब्रांज (Manganese Bronze) - यह एलॉय कॉपर, जिंक, लैड और थोड़ी मात्रा में मैंगनीज मिलाकर बनाया जाता है । 

‘वाई’ एलॉय (‘Y’ Alloy) - इस एलॉय में 3.5 से 4.5% कॉपर, 1.8 से 2.3% निकल, 1.2 से 1.7% मैगनीशियम और बाकी एल्युमीनियम होता है ।

जर्मन सिल्वर (German Silver) - इस एलॉय में मुख्यतः कॉपर और निकल मिलाए जाते हैं । कभी-कभी इसमें टिन और लैड भी मिलाए जाते हैं ।

ड्‌यूरैलूमिन एलॉय (Duralumin Alloy) - यह एक प्रसिद्ध एलॉय है जिसमें 3.5 से 4.5 कॉपर, 0.4 से 0.7% मैंगनीज, 0.4 से 0.7% मैगनीशियम और बाकी एल्युमीनियम होता है ।

बैबिट मेटल (Babbitt Metal) - यह टिन बेस एलॉय है जिसमें प्राय - 88% टिन, 8% एंटीमनी और 4% कॉपर होता है ।

मोनल मेटल (Monel Metal) - इस एलॉय में प्रायः 60% निकल और 38% कॉपर और थोड़ी मात्रा में एल्युमीनियम या मैंगनीज मिलाया जाता है । 

गन मेटल (Gun Metal) - 88% कॉपर, 10% टिन और 2% जिंक वाले एलॉय को गन मेटल कहते हैं




Click here to watch the video of ITI Trade

Click Here

Click for ITI Technical Notes

Click Here

Multiple choice pdf file

Click Here

Join us on Telegram

Click Here


Share Share
61381 Views

© 2018 IT Info Trade. All rights reserved || Terms & Conditions